रेल की पथरीली पटरियों मे भागता हुआ एक बचपन जीवन है कठोर समझ रहा है वो बचपन! रेल की पथरीली पटरियों मे भागता हुआ एक बचपन जीवन है कठोर समझ रहा है वो बचपन!
तेरे लिए हमनवा मेरे दुनिया अपनी और मैं ही बेगानी हो गई l तेरे लिए हमनवा मेरे दुनिया अपनी और मैं ही बेगानी हो गई l
आसान है भीड़ का हिस्सा बन जाना मुश्किल है भीड़ से हटकर अपनी पहचान बनाना। आसान है भीड़ का हिस्सा बन जाना मुश्किल है भीड़ से हटकर अपनी पहचान बनाना।
अयोध्या-4 कनकमहल अयोध्या-4 कनकमहल
तेरी यादों ने फिर से बेवजह दखल दे दिया, तेरी यादों ने फिर से बेवजह दखल दे दिया, तेरी यादों ने फिर से बेवजह दखल दे दिया, तेरी यादों ने फिर से बेवजह दखल दे दिय...
उस दोस्ती को सब याद करते रहते, दोस्तों को भूलना कभी आसान नहीं होते........ उस दोस्ती को सब याद करते रहते, दोस्तों को भूलना कभी आसान नहीं होते........